The Himachal Times

THE HIMACHAL TIMES NEWS

Search
Close this search box.

*विचार तो कीजिये* भगवान के सिवाय मेरा कोई नहीं है;

भगवान के सिवाय मेरा कोई नहीं है; क्योंकि वह सब छूटने वाला है। जिनके प्रति आप बहुत सावधान रहते हैं, वे रुपये, जमीन, मकान आदि सब छूट जायेंगे। उनकी याद तक न रहेगी। अगर याद रहने की रीति हो तो बतायें कि इस जन्म से पहले आप कहाँ थे ? आपके माँ-बाप, स्त्री-पुत्र कौन थे ? आपका घर कौन-सा था ? जैसे पहले जन्म की याद नहीं है, ऐसे ही इस जन्म की भी याद नहीं रहेगी *जिसकी याद तक नहीं रहेगी उसके लिये आप अकारण परेशान हो रहे हो।* यह सब के अनुभव की बात है कि हमारा कोई नहीं है। सब मिले हैं और बिछुड़ जायेंगे। इसलिए भगवान को सदैव समरण रखें सामाज़िक दायित्व निभाना भी भगवद प्राप्ति का सुगम मार्ग है जाना तो वहीं है जहां से आए थे तो क्यों न गोपीनाथ की शरण में रहा जाए क्योंकि उन्हीं के साथ रिश्ता शुद्ध है संसार तो मायावी है मतलब निकलते ही छोड़ देगा तो भ्रम में क्यों जीना उसी को पकड़ो जिससे तुम्हारा इह लोक और परलोक भी भी सँवर जाए
इसलिये *’मेरे तो गिरधर गोपाल दुसरो न कोई’*- ऐसा मानकर मस्त हो जाओ।
*जब भी जिन्दगी में मुश्किल, कोई मुकाम आया…* *न गैर न अपना बस राधेश्याम का प्यार काम आया…*

यह भी पढ़ें

टॉप स्टोरीज